अब नहीं करता कोई उसे तंग, सरलता से सब रहते संग। अब नहीं करता कोई उसे तंग, सरलता से सब रहते संग।
अत्यन्त सहर्षता के साथ इन जिम्मेवारियों को स्वयं के कंधों पर ढोती "स्त्री"। अत्यन्त सहर्षता के साथ इन जिम्मेवारियों को स्वयं के कंधों पर ढोती "स्त्री"।
दृढ़ है शक्तिशाली है, सुन ले वह नारी है वह नारी है। दृढ़ है शक्तिशाली है, सुन ले वह नारी है वह नारी है।
अपनी मृत्यु स्वयं है लाता लालच में फंस विद्वान। अपनी मृत्यु स्वयं है लाता लालच में फंस विद्वान।
भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है
न जाने रोज कौन सूरज धर देता हैं ! मेरे मोहल्ले में एक बालक रहता है। न जाने रोज कौन सूरज धर देता हैं ! मेरे मोहल्ले में एक बालक रहता है।